20 मई 2025 – एक बार फिर से एशिया के कई देशों में कोविड-19 के मामलों में इज़ाफा देखा जा रहा है। भारत, सिंगापुर और हांगकांग में कोविड के नए वैरिएंट JN.1 और उसके उपप्रकार LF.7 और NB.1.8 के कारण मामूली वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि स्थिति अभी नियंत्रण में है, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारी सतर्क हैं।
भारत में स्थिति
भारत में अब तक 257 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं। केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्यों में मामूली वृद्धि देखी गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने हालात की समीक्षा की है और बताया है कि:
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सभी मामले हल्के लक्षणों वाले हैं।
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अस्पताल में भर्ती या ICU की जरूरत बहुत कम है।
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मेडिकल सप्लाई और निगरानी व्यवस्था पूरी तरह से सक्रिय है।
सरकार ने जनता से घबराने की बजाय सतर्क रहने और सावधानियां बरतने की अपील की है।
सिंगापुर में क्या हो रहा है?
सिंगापुर में कोविड मामलों में तेज़ी से इज़ाफा हुआ है:
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27 अप्रैल से 3 मई के बीच 14,200 नए मामले दर्ज किए गए, जबकि इससे पिछले हफ्ते 11,100 थे।
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अस्पताल में भर्ती मामलों की संख्या बढ़ी है लेकिन ICU में भर्ती बहुत कम हैं।
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विशेषज्ञों का मानना है कि इसका कारण नए वैरिएंट और टीकाकरण के प्रभाव में कमी हो सकता है।
फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है लेकिन सरकार ने चेतावनी दी है कि भीड़भाड़ से बचें और ज़रूरत पड़ने पर मास्क पहनें।
🇭🇰 हांगकांग का हाल
हांगकांग में कोविड की पॉजिटिविटी दर 1.7% से बढ़कर 11.4% हो गई है।
स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी है:
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नया XDV वैरिएंट पाया गया है, जो JN.1 से जुड़ा है।
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वैरिएंट की गंभीरता अब तक नहीं बढ़ी है, लेकिन निगरानी ज़रूरी है।
स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं।
🧬 JN.1 वैरिएंट के लक्षण
JN.1 वैरिएंट, ओमिक्रॉन की शाखा है और इसके लक्षण हैं:
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खांसी, ज़ुकाम, बुखार
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थकान, सिरदर्द
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गंध या स्वाद का जाना
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पेट संबंधी परेशानियाँ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे “Variant of Interest” घोषित किया है, लेकिन अब तक यह गंभीर नहीं माना गया है।
🔰 क्या करना चाहिए?
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भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें।
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हाथों की स्वच्छता बनाए रखें।
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अगर पहले से बीमार हैं या बुजुर्ग हैं, तो डॉक्टर की सलाह लें।
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बूस्टर डोज़ लगवाने पर विचार करें।
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सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करें।
निष्कर्ष
हालाँकि कोविड-19 फिर से चर्चा में है, लेकिन भारत और अन्य देशों में स्थिति अभी नियंत्रण में है। डरने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहना ज़रूरी है। अगर हम पहले जैसी सावधानियाँ अपनाते रहें तो इस बार भी हम वायरस को मात दे सकते हैं।