डायमंड बैटरी : 20,000 से अधिक वर्षों तक चलने वाली बैटरी

डायमंड बैटरी (Diamond Battery) की जीवन अवधि 20,000 से अधिक वर्षों तक हो सकती है। आने वाले समय में संभावना है कि ऊर्जा जरूरतों को डायमंड बैटरी से पूरी की जा सके। इनका उपयोग काफी जगहों पर जहाँ ऊर्जा की ज्यादा जरूरत जैसे रॉकेट उपग्रहों में किया जा सकता है। यह पूरे क्षेत्र जैसे गांव और शहर को बहुत आसानी से रोशन कर सकते हैं। उनके साथ केवल एक ही समस्या है जिसे हम आगे इस आर्टिकल में पढ़ेंगे। 

डायमंड बैटरी

हीरे की चमचमाती खूबसूरती किसे नहीं अच्छी लगती है। जो कि सदा के लिए होती है। क्या ऊर्जा भी सदा के लिए हो सकती है ? यह एक डायमंड बैटरी है यह भी सदा काम करेगी। यह 20,000 से अधिक वर्षों तक चलेगी जो कि आज तक मौजूद किसी भी उपकरण से ज्यादा होगी। 

डायमंड बैटरियाँ परमाणु कचरे से बनती है ,जो दुनिया भर में करीब 3 लाख टन है और कोई नहीं जानता इसका क्या करें। यह बैटरियाँ इसका जवाब बन सकती हैं। वे परमाणु रिएक्टर से निकले रेडियोधर्मी ग्रेफाइट घटकों को गर्म करके बनती हैं। इससे रेडियोधर्मी कार्बन C 14 में बदल जाता है। भारी दबाब डालकर फिर इसे कृत्रिम हीरे में बदला जाता है। ये परमाणु हीरे बिजली की सप्लाई कर सकते हैं। इसका उपयोग सभी तरह की बैट्रिओ और उस जैसी कई ऊर्जा स्रोतों के लिये जा सकता है।

फ़िलहाल डायमंड बैटरी बिक्री के लिये बाजार में मौजूद नहीं है। लेकिन कई कंपनियां इनके प्रोटोटाइप पे काम कर रही है। एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे प्रोडक्ट इस साल के अंत तक आने की संभावना है। 

एन डी बी के सीईओ कहते हैं कि हमारा लक्ष्य ऐसे ऊर्जा स्रोतों को तलाशना था जो स्वच्छ , सस्ता और पर्यावरण के अनुकूल हो। 

एक डायमंड बैटरी 28000 साल तक चल सकती है। लेकिन इससे निकली ऊर्जा एक आम बैटरी का सिर्फ दशवाँ हिस्सा होती है। इसका सबसे अच्छा इस्तेमाल सेंसर ,घड़ियों और पेसमेकर जैसे उपकरणों में हो सकती है। यानी जहाँ बैटरियों को बदलना बहुत मुश्किल और खतरे से भरा होता है। इसे रॉकेट या सेटेलाइट में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। 

ज्यादा ऊर्जा पैदा करने के लिए बैटरियों को जोड़ा भी जा सकता है। इससे हम एक बड़े क्षेत्र को आसानी से ऊर्जा मौजूद करा सकते हैं जो कि वहाँ की ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर सकती हैं। भविष्य में डायमंड बैटरी का उपयोग अधिक मात्रा में किया जा सकता है। 

ये डायमंड बैटरी के कचरे रीसायकल भी हो सकते हैं, लेकिन एक समस्या सामने आ सकती है। इसमें थोड़ी सी मात्रा में रेडियोधर्मिता होती है इसलिए इसे लीक होने से बचाना होगा। इसे लीक होने नहीं दिया जा सकता है। लेकिन वैज्ञानिको ने इसका जबाब भी तलाश लिया है। इससे बचने के लिए ब्लॉकचैन तकनीक का इस्तेमाल हो सकता है। 

यह तो आने वाला समय ही बता सकता है कि डायमंड बैटरी ऊर्जा क्षेत्र में क्राँति ला सकती है या नहीं। अगर ऐसा हो  जाता है तो यह मानव जाति और पृथ्वी के लिए वरदान साबित हो सकता है। 

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