तारों की मृत्यु कैसे होती है : How do stars die

तारों की मृत्यु कैसे होती है?


तारों की मृत्यु कैसे होती है
तारों की मृत्यु कैसे होती है

Death of stars : क्या आप जानते हैं कि तारा (star) क्यों चमकता है ? इसका उत्तर गह है कि तारा (star) अपने भीतर होती रहने वाली परमाणु संलयन अभिक्रियाओं के कारण चमकता है। इन अभिक्रियाओं (Fusion reactions) में हाइड्रोजन अत्यधिक तापमान पर हीलियम में परिवर्तित हो जाती है।


संलयन अभिक्रिया ताप और प्रकाश उत्पन्न करती है और तारे को गर्म रखती है। जब तारे में हाइड्रोजन की मात्रा कम पड़ने लगती है, तब उसकी मृत्यु होना शुरू हो जाती है।


सभी तारों (stars)की जीवन अवधि भिन्न-भिन्न होती है। छोटे तारे (stars) जिनका प्रकाश सूर्य से कम होता है, अपने ईंधन का उपयोग लंबे समय तक करते रहते हैं और करोड़ों वर्षों तक जीवित रहते हैं, लेकिन बहुत गर्म और तीव्र प्रकाश वाले तारे (stars) जिनमें हाइड्रोजन तेजी से जलती है, कुछ लाख वर्षों में ही मर जाते हैं ।


ये तारे (stars) नवतारा (Supernova) की तरह विस्फोटक हो जाते हैं और उनका द्रव्य अंतरिक्ष में क्रेब निहारिका (Crab Nebula) जैसी गैस, धूल और चमकीले बादल के अवशेष छोड़ जाता है (जैसा कि चित्र में दिखाया गया है)।


अन्य तारे (stars) किसी लाल-गर्म बादल की तरह धीरे-धीरे अपनी सतह को बाहर की ओर फुलाने लगते हैं और अंततः लाल दानव की अवस्था में पहुंच जाते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार हमारा सूर्य भी सुदूर भविष्य में इसी प्रकार एक लाल दानव (Red Gaint) बन कर धीरे-धीरे समाप्त हो सकता है।

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